Considerations To Know About सफेद मूसली के लाभ

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यदि आप जल्‍दी थक जाते है या आप शारीरिक रूप से कमजोरी का अनुभव करते है तो इसका इलाज सफेद मूसली के रूप में किया जा सकता है। यह आपकी थकान और कमजोरी को दूर करने में आपकी मदद कर सकती है। इसके लिए आप सफेद मूसली के पाउडर और चीनी को दूध के साथ मिलाकर सेवन करें। यह आपमें नई ऊर्जा का संचार करने में मदद करेगी। (और पढ़े – कमजोरी और थकान के कारण, लक्षण और इलाज)

शोध के अनुसार सफेद मूसली वीर्य का उत्पादन बढ़ाती है और वीर्य की गुणवत्ता में सुधार लाती है। ऐसा माना जाता है कि इसके नियमित सेवन से नपुंसकता के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है। कौंच के बीज के साथ सफेद मूसली का सेवन नपुंसकता के इलाज में काफी उपयोगी माना जाता है।

गई है जिसमें किसी भी प्रकार की तथा किसी भी कारण से आई शारीरिक शिथिलता को दूर करने की क्षमता पाई जाती है। यह इतनी पौष्टिक तथा बलवर्धक होती है कि इसे दूसरे शिलाजीत की संज्ञा दी जाती है। सफेद मूसली एक बहुत ही उपयोगी पौधा है, जो कुदरती तौर पर बरसात के मौसम में जंगल में उगता है । सफेद मूसली की जड़ों का इस्तेमाल आयुर्वेदिक और यूनानी दवाएं बनाने में किया जाता है । खासतौर पर इस का इस्तेमाल सेक्स कूवत बढ़ाने वाली दवा के तौर पर किया जाता है । सफेद मूसली की सूखी जड़ों का इस्तेमाल यौवनवर्धक, शक्तिवर्धक और वीर्यवर्धक दवाएं बनाने में करते हैं । इस की इसी खासीयत के चलते इस की मांग पूरे साल खूब बनी रहती है, जिस का अच्छा दाम भी मिलता है ।

इस सब्जी को लेने के बाद कई मामलों में एलर्जी संबंधी प्रतिक्रियाएं दर्ज की गई हैं। सबसे आम एलर्जी प्रतिक्रियाओं में शामिल हैं: आँख की सूजन

मूसली की विभिन्न प्रजातियाँ पाई जाती हैं जैसे-क्लोरोफाइटम बोरिविलिएनम, क्लोराफाइटम ट्यूबरोजम, क्लोरोफाइटम अरुन्डीनेशियम, क्लोरोफाइटम एटेनुएटम, क्लोरोफाइटम ब्रीविस्केपम आदि, परन्तु मध्यप्रदेश के जंगलों में अधिकांशत- उपलब्धता क्लोरोफाइटम बोरिविलिएनम तथा ट्यूबरोज़म की ही है। इन दोनों में मुख्य अंतर यह है कि ट्यूबरोज़म में क्राउन के साथ एक धागा जैसा लगा होता है तथा उसके उपरांत इसकी मोटाई बढ़ती है, जबकि बोरिविलिएनम में कंद के फिंगर की मोटाई ऊपर ज्यादा होती है या तो पूरी more info फिंगर की मोटाई एक जैसी रहती है अथवा यह नीचे की ओर घटती जाती है। चूँकि ट्यूबरोज़म के संदर्भ में छिलका उतारना कठिन होता है अत: यह खेती के लिए उपयुक्त नहीं मानी जाती अस्तु अधिकांशत: क्लोरोफाइटम बोरिविलिएनम की ही खेती की जाती है।

अलसी के बीज लाभ, उपयोग, मात्रा और दुष्प्रभाव

सफेद मूसली शुक्राणुओं को बढ़ाने में सहायक है। इसका सेवन करने से स्पर्म की गुणवत्ता में सुधार होता है।

खोदने के उपरांत इसे दो कार्यों हेतु प्रयुक्त किया जाता है-

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नाइटफॉल दूर करे - अगर किसी पुरूष को नाइटफॉल के बाद कमजोरी और शक्ति या ऊर्जा की कमी महसूस होती है, तो ऐसे में शक्कर के साथ सफ़ेद मूसली पाउडर का इस्तेमाल कुछ हफ्तों तक करने पर यह समस्या ख़त्म हो जाती है। वहीं इसके इस तरीके से नाइटफॉल को कम करने और शरीर की दुर्बलता दूर करने में मदद मिलती है।

– अधिक मात्रा में सफेद मूसली खाने से भूख कम होती है और साथ ही पाचन संबंधी क्रियाएं भी कुछ हद तक प्रभावित होती हैं।

आम तौर पर सुरक्षित मूसली में कोई बड़ा दुष्प्रभाव नहीं हैं। आप केवल तभी अनुभव किए गए कुछ सफ़ेद मुसली साइड इफेक्ट्स की जांच कर सकते हैंं जब जड़ी बूटी का गलत तरीके से सेवन किया जाता हैं। तदनुसार, सफेद मूसली के नुकसान देख सकते हैं-

बाजार में कई प्रकार के मूसली ब्रांड उपलब्ध हैं। उन्हीं में से कुछ अच्छे ब्रांड्स के बारे में हम यहां बता रहे हैं। यहां सफेद मूसली की कीमत का पता भी आपको चल जाएगा।

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